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विनेश फोगाट: भारतीय कुश्ती की सितारा से लेकर राजनीतिज्ञ तक का सफर

विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में हुआ था। वे फोगाट परिवार की कुश्ती परंपरा से आती हैं, जो भारत में प्रसिद्ध है। उनके पिता राजपाल फोगाट और चाचा महावीर सिंह फोगाट ने परिवार में कुश्ती की नींव डाली थी। विनेश ने अपने चाचा महावीर सिंह फोगाट से प्रशिक्षण लिया, जो भारतीय कुश्ती में एक बड़ा नाम हैं। महावीर सिंह की बेटियां, गीता और बबीता फोगाट, भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में भारत का नाम रोशन कर चुकी हैं।

विनेश फोगाट ने अपने कुश्ती करियर की शुरुआत बहुत ही कम उम्र में की और जल्द ही उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बना ली। उनकी पहली बड़ी सफलता 2014 में आई, जब उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद उन्होंने एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक हासिल किया, जिससे उनके करियर को नई ऊंचाई मिली।

2016 में रियो ओलंपिक के दौरान, विनेश फोगाट ने देश की उम्मीदों को बढ़ाया, लेकिन दुर्भाग्यवश क्वार्टर फाइनल में चोट लगने के कारण वे टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। इस चोट ने उनके करियर को अस्थायी रूप से रोक दिया, लेकिन उनकी अदम्य इच्छाशक्ति ने उन्हें फिर से वापसी करने के लिए प्रेरित किया। 2018 में, उन्होंने गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में फिर से स्वर्ण पदक जीता और एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया। वह एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।

विनेश ने कई विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और 2019 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। उनकी उपलब्धियों ने उन्हें भारतीय कुश्ती का एक प्रमुख चेहरा बना दिया। उन्हें 2020 टोक्यो ओलंपिक में भी देश की ओर से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।

कुश्ती के मैदान के बाहर भी विनेश का जीवन प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने भारतीय समाज में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाने के लिए कई बार आवाज उठाई है और खेलों में लैंगिक समानता का समर्थन किया है। उनके कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प ने उन्हें न केवल एक सफल एथलीट बनाया, बल्कि समाज में एक प्रेरणादायक व्यक्ति के रूप में भी स्थापित किया है।

2024 में, विनेश फोगाट ने राजनीति में कदम रखा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जुलाना सीट से चुनाव लड़ा। राजनीति में भी वे अपनी कुश्ती की तरह ही प्रभावशाली साबित हुईं और अपने पहले ही चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार योगेश कुमार को 6,015 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। यह जीत उनकी राजनीतिक यात्रा का सफल आगाज था और हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण घटना मानी गई।

विनेश फोगाट की यह यात्रा केवल एक एथलीट से एक राजनीतिज्ञ बनने की नहीं है, बल्कि एक महिला के संघर्ष, साहस, और नेतृत्व की कहानी भी है। खेल और राजनीति दोनों में उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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