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मॉनसून में खाए ये 8 पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थ और अपने आंत को करे मजबूत

मानसून का मौसम एक ऐसा समय है जब हमारा पाचन तंत्र सबसे अधिक संवेदनशील होता है। इस मौसम में पेट की समस्याएं, जैसे कि अपच, गैस्ट्रिक समस्याएं और डायरिया आम होती हैं। ऐसे में, हमारे आहार में प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का समावेश करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रोबायोटिक्स जीवित बैक्टीरिया और खमीर होते हैं जो हमारी आंत के लिए फायदेमंद होते हैं। यह खाद्य पदार्थ हमारे पाचन तंत्र को सुधारने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं उन पारंपरिक भारतीय प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों के बारे में जो मानसून में आंत स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

1. दही

दही भारतीय रसोई का एक प्रमुख हिस्सा है और यह एक उत्कृष्ट प्रोबायोटिक है। इसमें जीवित बैक्टीरिया होते हैं जो हमारी आंत में लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं। दही को नियमित रूप से खाने से पाचन में सुधार होता है और पेट की समस्याएं कम होती हैं। मानसून के दौरान दही का सेवन आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

2. छाछ

छाछ, जिसे मट्ठा भी कहा जाता है, एक पारंपरिक भारतीय पेय है जो दही से बनाया जाता है। इसमें प्रोबायोटिक्स के साथ-साथ विटामिन और खनिज भी होते हैं। छाछ पाचन तंत्र को शांत करती है और पाचन को सुधारने में मदद करती है। इसे मसाले और हरी धनिया के साथ मिलाकर पीने से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।

3. किमची

किमची एक कोरियाई डिश है, लेकिन यह भारतीय रसोई में भी लोकप्रिय हो रही है। यह एक फर्मेंटेड सब्जी डिश है जिसमें बैक्टीरिया और विटामिन्स होते हैं। यह आंत स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और पाचन तंत्र को संतुलित करता है।

4. इडली

इडली दक्षिण भारतीय रसोई का एक प्रमुख हिस्सा है। यह चावल और उड़द की दाल से बनी होती है और फर्मेंटेशन प्रक्रिया के माध्यम से बनाई जाती है। इडली में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन में सुधार करते हैं और आंत स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।

5. कांजी

कांजी एक पारंपरिक भारतीय पेय है जो काली गाजर या चावल से बनाया जाता है। इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो आंत स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। कांजी को विशेष रूप से उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान बनाया जाता है, लेकिन यह मानसून में भी फायदेमंद हो सकता है।

6. ढोकला

ढोकला एक गुजराती स्नैक है जो चने के आटे से बनाया जाता है। यह फर्मेंटेशन प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है और इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं। ढोकला को नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है और यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है।

7. आचार

भारतीय आचार विभिन्न प्रकार के मसालों और सब्जियों से बनाए जाते हैं। यह फर्मेंटेशन प्रक्रिया के माध्यम से बनाए जाते हैं और इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं। आचार का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इसमें नमक की मात्रा अधिक होती है, लेकिन यह पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद हो सकता है।

8. कच्चा नारियल पानी

कच्चा नारियल पानी एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और पाचन तंत्र को सुधारते हैं। कच्चा नारियल पानी पीने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और शरीर को ताजगी मिलती है।

निष्कर्ष

मानसून के मौसम में आंत स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और यह पारंपरिक भारतीय प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ इसमें मदद कर सकते हैं। इन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करके आप पाचन तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं और पेट की समस्याओं से बच सकते हैं। इन खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन न केवल पाचन में सुधार करता है बल्कि सामान्य स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। इसलिए, इस मानसून में इन प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों का सेवन जरूर करें और स्वस्थ रहें।

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