हिमाचल के सिरमौर में दो सगे भाइयों ने रचाई एक ही लड़की से शादी, सदियों पुरानी परंपरा

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से एक अनोखी और हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां दो सगे भाइयों ने एक ही लड़की से शादी कर ली, और यह शादी पूरे समाज और परिवार की सहमति से धूमधाम से संपन्न हुई।
❖ कौन हैं दूल्हे और दुल्हन?
दोनों लड़के शिक्षित हैं, जिनमें से एक विदेश में नौकरी करता है और दूसरा सरकारी कर्मचारी है।
दुल्हन भी पढ़ी-लिखी और समझदार है, और इस विवाह के लिए वह भी स्वेच्छा से राज़ी थी।
तीनों की आपसी सहमति से यह विवाह संपन्न हुआ, और इसने समाज में फिर से एक पुरानी प्रथा को चर्चा में ला दिया है।
❖ कौन सी है यह परंपरा?
इस विवाह को स्थानीय हाटी समुदाय में “उजला पक्ष” कहा जाता है।
यह सदियों पुरानी परंपरा है, जिसमें एक ही महिला दो या अधिक भाइयों की पत्नी बनती है।
इसका उद्देश्य था परिवार की संपत्ति को विभाजित होने से बचाना और परिवारिक एकता बनाए रखना।
❖ अब क्यों बना यह विवाह चर्चा का विषय?
हालांकि आधुनिक समय में यह प्रथा लगभग लुप्त हो चुकी थी, लेकिन इस हालिया विवाह ने एक बार फिर से इसे लोगों के सामने ला खड़ा किया है।
सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं – कुछ लोग इसे संस्कृति और परंपरा का सम्मान मानते हैं, तो कुछ इसे पुराने सामाजिक ढांचे की वापसी बता रहे हैं।
❖ कानूनी और सामाजिक स्थिति क्या कहती है?
भारतीय कानून में बहुपति विवाह (polyandry) को वैध मान्यता नहीं है, लेकिन यदि यह आपसी सहमति और सांस्कृतिक परंपरा के तहत हो, तो कई बार प्रशासन इसे निजी मामला मानकर हस्तक्षेप नहीं करता।
ऐसे विवाह आमतौर पर हिमालयी क्षेत्रों – जैसे लाहौल-स्पीति, उत्तराखंड और नेपाल के कुछ इलाकों में भी पहले प्रचलित रहे हैं।
इस विवाह ने एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या परंपराएं समय के साथ समाप्त हो जाती हैं, या फिर कभी-कभी वापस लौटती हैं?
हाटी समुदाय की यह प्रथा, जिसे लोग भूल चुके थे, अब फिर से सुर्खियों में है।