
जहां आज के दौर में डॉक्टरों की फीस 500 से 1000 रुपये तक पहुंच चुकी है, वहीं पटना के डॉ. एजाज़ अली पिछले 40 सालों से सिर्फ 10 रुपये में सैकड़ों मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
एक मशहूर जनरल सर्जन होने के बावजूद, डॉ. अली सादगी से भरा जीवन जीते हैं। कुर्ता-पायजामा और टोपी पहने, अस्पताल के आंगन में प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर वे रोजाना करीब 100 मरीजों को देखते हैं।
बिकना पहाड़ी इलाके में स्थित उनका क्लिनिक गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। डॉ. अली कहते हैं —
> “मैंने खुद गरीबी देखी है, मेरी माँ ने सिखाया था कि गरीबों की सेवा ही असली इंसानियत है।”
वह मरीजों पर महंगे टेस्ट और दवाइयों का बोझ न डालने की सलाह देते हैं और दूसरों डॉक्टरों से भी यही अपील करते हैं। इलाज के साथ-साथ वे समाजसेवा में भी सक्रिय हैं और दलित-मुस्लिम समुदायों के अधिकारों के लिए काम करते हैं।





