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Bihar Land Survey: अब पुश्तैनी जमीन पर स्वामित्व साबित करने के लिए जरूरी होगी ‘वंशावली’

बिहार में चल रहे व्यापक भूमि सर्वेक्षण के दौरान जमीन के असली मालिक को साबित करने के लिए अब ‘वंशावली’ की आवश्यकता अनिवार्य हो गई है। इस प्रक्रिया के तहत हर जमीन मालिक को अपने पुश्तैनी जमीन पर स्वामित्व को दर्शाने के लिए वंशावली दस्तावेज जमा करना होगा। यह कदम जमीन के स्वामित्व से जुड़े विवादों को सुलझाने और सरकारी रिकॉर्ड्स को अपडेट करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

वंशावली की आवश्यकता क्यों?

बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दौरान कई जमीन मालिकों के पास सही दस्तावेज नहीं होते हैं, जिसके कारण स्वामित्व विवाद उत्पन्न होते हैं। वंशावली के माध्यम से जमीन मालिक अपने पूर्वजों के स्वामित्व को साबित कर सकते हैं। यह वंशावली एक प्रमाणित दस्तावेज होगा, जिसमें परिवार के पूर्वजों का पूरा विवरण होगा। इस दस्तावेज को जमीन स्वामित्व के पुख्ता प्रमाण के रूप में माना जाएगा।

कैसे बनेगी वंशावली?

वंशावली बनाने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ग्राम कचहरी के सरपंच को जिम्मेदारी दी गई है। वंशावली बनवाने के लिए आवेदनकर्ता को एक आवेदन पत्र के साथ जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे। यह प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध है, जहां आवेदनकर्ता अपनी वंशावली का विवरण दर्ज कर सकते हैं

आवेदन प्रक्रिया और शुल्क

वंशावली प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए सरपंच को एक शपथ पत्र और 10 रुपये का शुल्क जमा करना होगा। शुल्क का भुगतान न करने की स्थिति में आवेदन को स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, यदि भविष्य में वंशावली को दोबारा निर्गत कराने की आवश्यकता पड़ती है, तो इसके लिए 100 रुपये का शुल्क जमा करना होगा​

सरकारी रिकॉर्ड से मिलान

जमीन मालिक द्वारा प्रस्तुत वंशावली और अन्य दस्तावेजों का मिलान सरकारी रिकॉर्ड से किया जाएगा। यदि दस्तावेजों में कोई असंगति पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति को सूचना दी जाएगी और सही दस्तावेज प्रस्तुत करने का एक और मौका दिया जाएगा। सही दस्तावेजों के आधार पर ही जमीन का स्वामित्व प्रमाणित किया जाएगा।

बिहार में भूमि सर्वेक्षण की इस नई व्यवस्था से उम्मीद की जा रही है कि इससे भूमि विवादों में कमी आएगी और जमीन मालिकों के स्वामित्व अधिकार मजबूत होंगे। वंशावली की आवश्यकता और इसे बनाने की प्रक्रिया को लेकर ग्रामीण इलाकों में जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि सभी लोग इस प्रक्रिया का लाभ उठा सकें और अपनी जमीन का सही तरीके से पंजीकरण करा सकें।

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