बिहार विधानसभा चुनाव 2025: तिथियां, चरण और स्थानीय मुद्दे

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। इस बार चुनाव छह चरणों में होंगे। मतदान 21 अक्तूबर से शुरू होगा और अंतिम चरण 20 नवंबर को होगा। मतगणना 24 नवंबर को होगी।
पहला चरण (21 अक्तूबर)
सीटें: 47
क्षेत्र: उत्तर-पूर्वी बिहार
मुख्य क्षेत्र: मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा आदि।
स्थानीय मुद्दे:
बाढ़ और पलायन की समस्या
पेयजल में लौह प्रदूषण
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी
अवैध घुसपैठ का मुद्दा
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दूसरा चरण (24 अक्तूबर)
सीटें: 45
क्षेत्र: उत्तर बिहार
मुख्य क्षेत्र: सीतामढ़ी, दरभंगा, मुज़फ्फरपुर, समस्तीपुर, नरकटिया, चिरैया आदि।
स्थानीय मुद्दे:
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
कृषि आधारित उद्योगों की मांग
चीनी मिल और बिजली कारखाने का बंद होना
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तीसरा चरण (28 अक्तूबर)
सीटें: 48
क्षेत्र: उत्तर-पश्चिम बिहार
मुख्य क्षेत्र: पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, हाजीपुर आदि।
स्थानीय मुद्दे:
गन्ना उत्पादन व चीनी मिल बंद होने पर विरोध
नक्सलवाद और आपराधिक गिरोह की सक्रियता
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चौथा चरण (1 नवंबर)
सीटें: 42
क्षेत्र: पूर्व, मध्य और दक्षिण बिहार
मुख्य क्षेत्र: बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, पटना, बांका, जमुई आदि।
स्थानीय मुद्दे:
उद्योगों का संकट
नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्र
सूखे की समस्या
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पाँचवाँ चरण (9 नवंबर)
सीटें: 35
क्षेत्र: मध्य और दक्षिण बिहार
मुख्य क्षेत्र: भोजपुर, गया, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, अरवल, पटना ग्रामीण इलाका।
स्थानीय मुद्दे:
नक्सली हिंसा
सूखे की मार
जातीय विद्वेष आधारित हिंसा
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छठा चरण (20 नवंबर)
सीटें: 26
क्षेत्र: मध्य और दक्षिण-पश्चिम बिहार
मुख्य क्षेत्र: बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया (दक्षिण) आदि।
स्थानीय मुद्दे:
नक्सलवाद का गढ़
लगातार सूखे का संकट
जातीय हिंसा से प्रभावित इलाका
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नतीजे (24 नवंबर)
सभी चरणों के मतदान के बाद मतगणना 24 नवंबर को होगी और उसी दिन यह तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता पर किसका कब्ज़ा होगा।
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👉 इस चुनाव में बाढ़, सूखा, नक्सलवाद, पलायन, बंद उद्योग, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी जैसे मुद्दे सबसे बड़े चुनावी एजेंडे हैं।