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भारतीय शादियों का सीजन: ₹6 लाख करोड़ का बिज़नस होगा सिर्फ 2 महीनों में

भारत में शादी का सीजन इस बार अर्थव्यवस्था को मजबूत बढ़ावा देने के लिए तैयार है। देश भर में नवंबर और दिसंबर में लगभग 48 लाख शादियां होंगी, जिससे ₹6 लाख करोड़ की आर्थिक गतिविधियों का अनुमान है। अकेले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इस सीजन में ₹1.5 लाख करोड़ खर्च होने की उम्मीद है, जिसमें वेन्यू, गहने, कपड़े और खानपान पर भारी खर्च शामिल है।

शादी के इस सीजन में हर तरह की शादियों की धूम है – कुछ सामान्य बजट की हैं तो कुछ भव्य आयोजन हैं, जहां एक शादी में ₹1 करोड़ से ज्यादा खर्च हो रहा है। व्यापारियों के अनुसार, महामारी के बाद यह शादी का पहला ऐसा बड़ा सीजन है, जिसमें लोग खुलकर खर्च कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस बार लोग “वोकल फॉर लोकल” पर जोर दे रहे हैं, जिसमें भारतीय वस्त्र, गहने, और सजावट की वस्तुएं ज्यादा खरीदी जा रही हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म का योगदान

डिजिटल प्लेटफार्म जैसे Wedsfy ने भी शादियों के आयोजन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके माध्यम से जोड़े आसानी से जगह, फोटोग्राफर, केटरिंग और अन्य सेवाओं को बुक कर सकते हैं। ऐसे प्लेटफॉर्म ने विशेष रूप से बड़े शहरों में दूर-दराज से आने वाले परिवारों के लिए आयोजन करना आसान बना दिया है। Wedsfy जैसे प्लेटफॉर्म से न केवल जोड़ों को अधिक विकल्प मिलते हैं बल्कि व्यवस्थित और पारदर्शी बुकिंग और भुगतान की सुविधा भी होती है।

विभिन्न क्षेत्रों में असर

शादी का सीजन देश के कई सेक्टरों में रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। होटल बुकिंग, यात्रा सेवाओं, परिधान और आभूषण विक्रेताओं में भारी मांग देखी जा रही है। परंपरागत भारतीय परिधानों की बिक्री भी बढ़ रही है और डिजाइनर ब्रांड विशेष कलेक्शन पेश कर रहे हैं।

बाजार में सकारात्मक असर

वित्तीय विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सीजन न केवल व्यापारियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक गतिविधियों में बढ़ावा भी देगा। इस दौरान छोटे-बड़े विक्रेताओं को लाभ मिलने के साथ-साथ अस्थायी नौकरियों में भी वृद्धि हो रही है। भारतीय शादी का यह सीजन न केवल परंपराओं को सजीव रखता है, बल्कि यह आर्थिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।

इस तरह, भारतीय शादी का सीजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है, जो स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने के साथ देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

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