ये कोई नई बात नहीं कि सोशल मीडिया हमारी मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है. लेकिन हम यहां एक स्टडी के हवाले से बात कर रहे हैं कि सोशल मीडिया कैसे मेंटल हेल्थ पर असर डाल रहा है. ये स्टडी इस फैसले पर पहुंची कि सोशल मीडिया के उपयोग के नकारात्मक प्रभावों में मुख्य रूप से अवसाद और अकेलापन शामिल होता है.
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में सीनियर जॉर्डन यंग ने कहा, “हमने कुल मिलाकर पाया कि अगर आप कम सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, तो आप वास्तव में कम उदास और कम अकेले होते हैं, जिसका अर्थ है कि सोशल मीडिया का कम उपयोग आपके कल्याण में गुणात्मक बदलाव का कारण बनता है.”
इस स्टडी में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के 143 छात्र शामिल थे. उन्हें बेतरतीब ढंग से दो समूहों में बांटा गया. एक जो अपनी सोशल मीडिया आदतों को हमेशा की तरह जारी रखेगा या एक जो सोशल मीडिया को सीमित कर देगा. तीन हफ्तों के लिए प्रायोगिक समूह ने अपने सोशल मीडिया का उपयोग प्रति दिन 30 मिनट तक कम कर दिया था. इसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट पर 10-10 मिनट कम किए गए.
क्या सोशल मीडिया की वजह से डिप्रेशन हो सकता है?
Emoneeds के स्टडी के मुताबिक, सोशल मीडिया के इस्तेमाल की वजह से डिप्रेशन, कम नींद आना, चिंतित रहना, कम आत्म-सम्मान होना, आनाकानी करना और एक्टिव न होना जैसे लक्षण मिले. बता दें USA में लगभग 77 प्रतिशत लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. सोशल मीडिया की लोकप्रियता और तेजी ने हमारी जिंदगी पर बड़ा प्रभाव डाला है, पर इसने पर्सनैलिटी पर भी काफी बुरा प्रभाव डाला है-जैसे हमारे व्यवहार, हमारे रिश्ते और हमारे मानसिक स्वास्थ पर नकारात्मक प्रभाव.
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