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कैसे बना S-400 भारत की हवाई सुरक्षा का ‘सुपरहीरो’? जानिए इसकी खासियतें

S-400 ट्रायंफ, जिसे भारत में “सुदर्शन चक्र” के नाम से भी जाना जाता है, रूस द्वारा विकसित एक उन्नत वायु रक्षा प्रणाली है। यह प्रणाली भारतीय वायु सेना द्वारा दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन से रक्षा के लिए तैनात की गई है।

S-400 की प्रमुख विशेषताएं:

🔸 एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना
S-400 एक ही समय में 80 हवाई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है और उनमें से कई को एक साथ मार गिराने की क्षमता रखता है।

🔸 तेजी से तैनाती
यह सिस्टम केवल 3 मिनट में फायरिंग के लिए तैयार हो सकता है, जिससे यह आकस्मिक हमलों का तुरंत जवाब देने में सक्षम बनाता है।

🔸 लंबी दूरी तक मार
S-400 की मिसाइलें 400 किलोमीटर की दूरी और 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक के लक्ष्यों को भेद सकती हैं।

🔸 चार तरह की मिसाइलें
इसमें चार प्रकार की मिसाइलें होती हैं, जो अलग-अलग दूरी और खतरों से निपटने के लिए प्रयोग की जाती हैं – इससे यह किसी भी स्थिति में कारगर साबित होता है।

🔸 मोबाइल और लचीला सिस्टम
S-400 पूरी तरह से मोबाइल है, यानी इसे किसी भी स्थान पर ले जाकर तैनात किया जा सकता है।

हालिया घटनाओं में भूमिका:

पाकिस्तान द्वारा एफ-16 विमानों से किए गए संभावित हमले को S-400 सिस्टम ने सफलतापूर्वक नाकाम किया। इसने यह सिद्ध कर दिया कि भारत की वायु रक्षा अब पहले से कहीं अधिक मजबूत और भरोसेमंद हो गई है।

S-400 सिर्फ एक डिफेंस सिस्टम नहीं, बल्कि यह भारत की वायु सीमा की ‘अदृश्य ढाल’ है। इसके आने से दुश्मन को अब कई बार सोचना पड़ेगा, क्योंकि भारत अब हर हवाई हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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